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    हस्तकला या शिल्पकला

    कला और शिल्प अपने हाथों से चीज़ें बनाने से जुड़ी विविध प्रकार की गतिविधियों का वर्णन करता है। कला और शिल्प आमतौर पर एक शौक है। कुछ शिल्प (कला कौशल) का अभ्यास प्रागैतिहासिक काल से किया जाता रहा है, अन्य हाल के आविष्कार हैं। कला और शिल्प शिक्षा, रचनात्मकता, आत्म-अभिव्यक्ति और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) सहित स्कूलों में, कला और शिल्प कार्यक्रम पाठ्यक्रम के आवश्यक घटक हैं। यहां शिक्षा में कला और शिल्प के महत्व और उन्हें स्कूल की गतिविधियों में कैसे शामिल किया जाता है, इसका एक सिंहावलोकन दिया गया है।
    केन्द्रीय विद्यालय सारनी में छात्रों को विभिन्न कलाएँ सिखाई जाती हैं जैसे लोक कला, प्रिंट मेकिंग, स्टिल लाइफ, कोलाज, क्ले मॉडलिंग, लैंडस्केप, मास्क मेकिंग, पोर्ट्रेट, पेपर क्राफ्ट आदि। इसके अलावा, शिल्प कार्यशाला भी उपलब्ध है। समय-समय पर कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं जिनमें छात्रों को आभूषण बनाना, क्ले मॉडलिंग, मास्क बनाना, लिप आर्ट, पेपर माशी आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्कूल में विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जिनमें छात्र बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं और पुरस्कार प्राप्त करते हैं। जैसे परीक्षा पे चर्चा, डब्ल्यूसीएल, नगर पालिका आदि। स्कूल और छात्र स्कूल के बाहर प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।